Himachal News: सैंपल फेल होने पर कंपनियों को भेजा नोटिस, 32 दवाओं के लाइसेंस होंगे रद्द, स्टॉक वापस मंगवाया

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हिमाचल प्रदेश की फार्मा इंडस्ट्री देशभर में जानी जाती है, लेकिन हाल ही में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ड्रग विभाग द्वारा की गई जांच में कई दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं। इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए विभाग ने संबंधित दवा कंपनियों को नोटिस भेजा है और कुल 32 दवाओं के लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही बाजार में मौजूद इन दवाओं का स्टॉक भी वापस मंगवाया जा रहा है।


🔸 क्या है पूरा मामला?

हिमाचल प्रदेश के विभिन्न फार्मा हब्स से लिए गए दवाओं के सैंपल हाल ही में टेस्टिंग के लिए भेजे गए थे। जब इन सैंपल्स की रिपोर्ट आई, तो 32 दवाएं तय मानकों पर खरी नहीं उतरीं। कुछ दवाओं में घटिया क्वालिटी के केमिकल्स पाए गए, तो कुछ की एक्सपायरी डेट और कंटेंट मेल नहीं खा रहे थे।

मुख्य रूप से शामिल दवाएं:

  • एंटीबायोटिक दवाएं

  • पेनकिलर्स

  • विटामिन सप्लीमेंट

  • सर्दी-खांसी की दवाएं

  • बच्चों के सिरप




🔸 किन कंपनियों पर हुई कार्रवाई?

ड्रग कंट्रोलर विभाग ने हिमाचल के बद्दी, नालागढ़, परवाणू, और पांवटा साहिब क्षेत्रों की कुछ नामी और छोटी फार्मा कंपनियों को नोटिस जारी किया है। ये कंपनियाँ देश के अलग-अलग हिस्सों में अपने प्रोडक्ट्स भेजती हैं, इसलिए इस कार्रवाई का असर राष्ट्रीय स्तर पर भी पड़ेगा।


🔸 32 दवाओं के लाइसेंस होंगे रद्द

इन दवाओं को न सिर्फ फेल घोषित किया गया है, बल्कि इन पर सीधी कार्रवाई भी की जा रही है:

  • कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू

  • बाजार में मौजूद स्टॉक तत्काल वापस मंगवाया गया

  • भविष्य में इन कंपनियों को उत्पादन से पहले कड़ी जांच का सामना करना होगा

  • सीनियर अधिकारियों की निगरानी में अब हर बैच की टेस्टिंग होगी


🔸 उपभोक्ताओं के लिए चेतावनी

यदि आपने हाल ही में ऊपर बताई गई श्रेणियों की कोई दवा खरीदी है, तो उसकी बैच संख्या और निर्माता कंपनी जरूर जांचें। किसी भी संदिग्ध दवा के सेवन से बचें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

उपभोक्ता क्या करें?

  • दवा खरीदते वक्त बिल लें

  • केवल विश्वसनीय मेडिकल स्टोर से ही दवा लें

  • अनजानी कंपनी की दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें

  • संदिग्ध लक्षण महसूस होते ही डॉक्टर से संपर्क करें


🔸 सरकार और प्रशासन की सक्रियता

हिमाचल प्रदेश ड्रग कंट्रोल विभाग ने इस पूरे मामले में बेहद सख्त और तेज़ कदम उठाए हैं। विभाग का कहना है कि किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

ड्रग विभाग की प्राथमिकताएं:

  • हर दवा की सैंपलिंग नियमित रूप से करना

  • दोषी कंपनियों के खिलाफ FIR दर्ज कराना

  • भविष्य में मानकों के अनुसार काम न करने पर कंपनी बंद कराना

  • जनता को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराना


🔸 हिमाचल फार्मा इंडस्ट्री को झटका

हिमाचल की फार्मा इंडस्ट्री देशभर में दवा उत्पादन में अग्रणी मानी जाती है। यहां से लगभग 35% दवाएं पूरे भारत में सप्लाई की जाती हैं। लेकिन इस घटना से राज्य की साख को नुकसान पहुंचा है। सरकार अब इंडस्ट्री को साफ-सुथरा और जिम्मेदार बनाने पर जोर दे रही है।


🔸 क्या होगा आगे?

  • दोषी कंपनियों पर जुर्माना और लाइसेंस रद्द होंगे

  • नए नियमों के तहत अब दवा निर्माण की निगरानी होगी

  • फार्मा कंपनियों की नियमित ऑडिट और सैंपलिंग होगी

  • जनता को इस बारे में जागरूक किया जाएगा


🔸 निष्कर्ष

दवा जैसी संवेदनशील चीज़ में लापरवाही जनता की सेहत से सीधा खिलवाड़ है। हिमाचल प्रदेश सरकार और ड्रग विभाग ने सही समय पर कार्रवाई कर यह सुनिश्चित किया है कि लोगों को गुणवत्तापूर्ण दवाएं मिलें। अब जरूरत है कड़े निगरानी तंत्र और जवाबदेही की।


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