जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में हुई एक बड़ी मुठभेड़ में हिमाचल प्रदेश के वीर सपूत कुलदीप चंद ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की सरहद की रक्षा की। इस मुठभेड़ में कुलदीप चंद ने आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए शहादत पाई, लेकिन उनके साहस ने देश को एक बार फिर गर्व करने का मौका दे दिया।
🪖 क्या हुआ था अखनूर में?
घटना जम्मू-कश्मीर के सीमा क्षेत्र अखनूर सेक्टर की है, जहाँ बीते दिन सेना को आतंकियों की घुसपैठ की जानकारी मिली थी। अलर्ट होने के बाद सेना ने ऑपरेशन चलाया। जवाबी कार्रवाई में आतंकियों को रोकते हुए कुलदीप चंद वीरगति को प्राप्त हो गए।
उनकी बहादुरी और त्वरित कार्रवाई के चलते सीमा पार से हो रही आतंकी घुसपैठ को विफल कर दिया गया।
🏡 कौन थे कुलदीप चंद?
कुलदीप चंद हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले से ताल्लुक रखते थे। वे एक समर्पित और बहादुर जवान थे, जो हमेशा राष्ट्र सेवा के लिए तत्पर रहते थे। उनके गांव में जब यह दुखद समाचार पहुंचा, तो पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई — लेकिन गर्व भी था कि उनके बेटे ने देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।
🫡 देश उनका ऋणी रहेगा
कुलदीप चंद जैसे बहादुर जवानों की वजह से ही आज हम चैन से सांस ले पा रहे हैं।
उनकी शहादत सिर्फ हिमाचल नहीं, पूरे भारत के लिए एक प्रेरणा है।
सरकार द्वारा उन्हें उचित सम्मान देने और परिवार को सहायता देने की बात कही गई है।
📢 जनता से अपील
अब वक्त है कि हम ऐसे वीर सपूतों को सिर्फ शोक नहीं, सम्मान भी दें।
उनकी कहानियों को फैलाएं, नई पीढ़ी को बताएं कि असली हीरो कौन होता है।
देशभक्ति सिर्फ 15 अगस्त या 26 जनवरी तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि हर उस दिन महसूस होनी चाहिए जब कोई जवान अपना खून भारत माता के लिए बहाता है।
🙏 शहीद को श्रद्धांजलि
"शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।"
जय हिंद, जय भारत।
शहीद कुलदीप चंद Amar Rahein।