अगर आप गाड़ी चलाना सीखना चाहते हैं और लाइसेंस बनवाने की टेंशन से बचना चाहते हैं, तो अब आपके लिए खुशखबरी है। हाल ही में सरकार ने ड्राइविंग स्कूलों के लिए कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिनके तहत अब ड्राइविंग स्कूल न सिर्फ गाड़ी चलाना सिखाएंगे, बल्कि लाइसेंस भी बनाकर देंगे।
क्या है नया नियम?
परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, जो ड्राइविंग स्कूल सरकारी मानकों को पूरा करेंगे, उन्हें यह अधिकार मिलेगा कि वे ड्राइविंग टेस्ट लेकर उसी आधार पर छात्रों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर सकें।
ड्राइविंग स्कूल को फॉलो करने होंगे ये नियम:
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इंफ्रास्ट्रक्चर होना जरूरी: स्कूल के पास उचित ट्रेनिंग ग्राउंड, क्लासरूम और टेस्टिंग एरिया होना अनिवार्य होगा।
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प्रशिक्षकों की योग्यता: गाड़ी सिखाने वाले इंस्ट्रक्टर को कम से कम 5 साल का अनुभव होना चाहिए।
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डिजिटल रिकॉर्ड: हर छात्र की ट्रेनिंग और टेस्टिंग का डिजिटल रिकॉर्ड रखना जरूरी होगा।
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सीसीटीवी निगरानी: ट्रायल और टेस्टिंग एरिया में कैमरा अनिवार्य किया गया है ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
छात्रों को क्या फायदा होगा?
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लाइसेंस की लंबी प्रक्रिया से छुटकारा
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प्रोफेशनल ट्रेनिंग
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सीधे ड्राइविंग स्कूल से लाइसेंस
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सरकारी मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट
कब से लागू होंगे ये नियम?
इन नए नियमों को चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में लागू किया जाएगा। अनुमान है कि अगले कुछ महीनों में बड़ी संख्या में ड्राइविंग स्कूल इस प्रक्रिया में रजिस्टर हो जाएंगे।
निष्कर्ष:
अगर आप भी गाड़ी चलाना सीखने की सोच रहे हैं, तो किसी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूल का चुनाव करें। अब न तो RTO के चक्कर लगाने की जरूरत है और न ही लाइसेंस की लंबी वेटिंग का झंझट। सरकार की इस पहल से न केवल ड्राइविंग सीखना आसान होगा, बल्कि सड़कों पर सुरक्षित ड्राइवर भी मिलेंगे।
