बॉलीवुड अभिनेत्री और भाजपा की मंडी से लोकसभा प्रत्याशी कंगना रनौत द्वारा हाल ही में बिजली बिल को लेकर दिए गए बयान ने तूल पकड़ लिया है। उन्होंने सार्वजनिक मंच से कहा था कि उन्हें बिजली का भारी-भरकम बिल थमाया गया है, जिससे आम जनता की तकलीफों का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
लेकिन अब इस पर हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड ने जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने कंगना के बयान को “भ्रामक” (Misleading) बताया है।
⚡ बिजली बोर्ड की सफाई
बिजली बोर्ड की तरफ से जारी स्पष्टीकरण में कहा गया है कि:
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कंगना रनौत के नाम पर जो बिल आया था, वह दो महीनों का था, न कि एक महीने का।
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वे घरेलू श्रेणी (Domestic Category) की उपभोक्ता हैं और सरकारी सब्सिडी का लाभ भी लेती हैं।
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समय पर बिल का भुगतान नहीं होता, जिससे जुर्माने के साथ बिल की राशि बढ़ जाती है।
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उनके द्वारा जो आंकड़े बताए गए हैं, वह पूरे सन्दर्भ के साथ नहीं हैं और जनता को भ्रमित करने वाले हैं।
📌 क्या कहा था कंगना रनौत ने?
कंगना ने एक जनसभा में कहा था कि, "जब मुझे ही ₹1.5 लाख का बिजली बिल आ रहा है, तो सोचिए आम जनता पर क्या गुजरती होगी। ये लूट है, व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है।"
उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थीं।
🧾 असलियत क्या है?
बिजली बोर्ड के मुताबिक:
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कुल बिल की राशि ₹1.5 लाख दो महीने की है।
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इसमें पिछले बकाया, जुर्माना, और नवीनतम उपयोग शामिल है।
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कंगना को राज्य सरकार की ओर से दी जा रही बिजली सब्सिडी का लाभ भी मिलता है।
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उनके मीटर रीडिंग और भुगतान विवरण बोर्ड के रिकॉर्ड में मौजूद हैं।
🗣️ राजनीतिक रंग भी चढ़ा मामला
चूंकि कंगना इस समय चुनाव मैदान में हैं, इसलिए उनके बयान को राजनीतिक रंग भी दिया जा रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि यह मुद्दा जनता की सहानुभूति पाने के लिए उठाया गया था, वहीं कुछ लोग बिजली दरों को लेकर सवाल भी उठा रहे हैं।
🔚 निष्कर्ष
बिजली बोर्ड का कहना है कि कंगना रनौत का बयान अधूरी जानकारी पर आधारित है। बिल दो महीने का था, समय पर भुगतान नहीं हुआ, और सब्सिडी भी ली जाती है। ऐसे में यह मामला प्रशासनिक से ज़्यादा राजनीतिक बयानबाज़ी की दिशा में जाता नजर आ रहा है।
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