जैसलमेर बॉर्डर पर पाकिस्तान को धूल चटाते भारतीय सेना के जवान

tech news
By -
0

भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनातनी कोई नई बात नहीं है, लेकिन हर बार भारतीय सेना ने अपनी बहादुरी से यह साबित किया है कि वह देश की सीमाओं की रक्षा के लिए हर पल तैयार है। जैसलमेर बॉर्डर पर हाल ही में जो घटनाएं सामने आई हैं, उन्होंने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि हमारी सेना हर चुनौती का डटकर सामना कर रही है।


1. जैसलमेर: रेगिस्तान में तैनात शेर

राजस्थान का जैसलमेर जिला, जो पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ है, वहां भारतीय सेना हमेशा अलर्ट मोड में रहती है। यहां का तापमान, रेत के तूफान और दुर्गम इलाका आम इंसान को थका सकता है, लेकिन हमारे जवान दिन-रात मुस्तैदी से तैनात हैं। हाल ही में पाकिस्तान की ओर से की गई हलचल का जवाब भारतीय जवानों ने इस तरह दिया कि दुश्मन को पीछे हटना पड़ा।


2. सीमा पर हुई हलचल और जवाबी कार्रवाई

पाकिस्तान की ओर से सीमा पार निगरानी ड्रोन उड़ाए जाने की खबरें आई थीं। सेना ने तत्परता दिखाते हुए उन पर कार्रवाई की और उन्हें सफलतापूर्वक मार गिराया। इसके साथ ही, रात के अंधेरे में कुछ संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पर जवानों ने सर्च ऑपरेशन चलाया और घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया।


3. ‘धूल चटाना’ सिर्फ कहावत नहीं, हकीकत है

रेगिस्तान की रेत में छिपे हमारे जवान, खास प्रशिक्षण लेकर इस इलाके में तैनात किए जाते हैं। हाल की कार्रवाई में भारतीय सेना की रणनीति इतनी सटीक रही कि दुश्मन की एक न चली। रेत का तूफान हो या तापमान 45 डिग्री के पार, जवानों ने दुश्मन को हर हाल में पीछे हटने को मजबूर किया।


4. स्थानीय लोगों का भरोसा और सहयोग

जैसलमेर के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग सेना के प्रयासों को दिल से सलाम करते हैं। वहां के एक बुज़ुर्ग ने कहा – “हमें डर नहीं लगता, क्योंकि सेना हमारे साथ है। जवानों की मौजूदगी ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।” सेना और ग्रामीणों के बीच सामंजस्य इस क्षेत्र को सुरक्षित बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।


5. मीडिया और सुरक्षा एजेंसियों की नजर

हाल की घटनाओं के बाद राष्ट्रीय मीडिया की निगाह जैसलमेर बॉर्डर पर टिक गई है। सेना की कार्रवाई को हर जगह सराहना मिल रही है। वहीं, सुरक्षा एजेंसियां हर मूवमेंट पर नजर रख रही हैं ताकि भविष्य में कोई भी खतरा देश की सरहदों को पार न कर सके।


6. जवानों की प्रेरणादायक जांबाज़ी

इन हालातों में तैनात जवानों के जज़्बे को शब्दों में बयान करना मुश्किल है। वे अपने परिवारों से दूर, सीमित संसाधनों में, सिर्फ एक लक्ष्य के साथ डटे हैं – “देश की रक्षा।” उनकी शौर्यगाथा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है।


निष्कर्ष:

जैसलमेर बॉर्डर पर भारतीय सेना की सजगता और बहादुरी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत की सरहदें सुरक्षित हाथों में हैं। पाकिस्तान की कोई भी चाल हमारे जांबाज़ों के आगे नहीं टिक सकती। यह सिर्फ रेत की ज़मीन नहीं, ये भारत की शान का प्रतीक है।


Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)