सामान्य 

वृषभ राशि के जातकों के लिए यह महीना अनुकूल रहेगा। आर्थिक रूप से आपको अनुकूल परिणाम मिलेंगे और इस अवधि में आपको बराबर आर्थिक लाभ मिलेगा। आपकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा और इसका असर महीने के पहले हिस्से पर पड़ेगा। महीने के उत्तरार्ध में आय की तुलना में खर्च अधिक होने की संभावना है, इसलिए इस महीने के जातकों को सावधान रहने की आवश्यकता है। करियर में काम का दबाव अधिक रहेगा और पेशेवर लोगों को कड़ी मेहनत से काम में मनचाहा परिणाम मिलेगा। व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए भी यह महीना अनुकूल है। आप अपनी योग्यता के अनुसार व्यवसायिक लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में सक्षम होंगे। अन्य लोगों से व्यावसायिक लाभ मिलने की संभावना है। इस महीने छात्रों को सबसे अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि पढ़ाई में लगातार व्यवधान आने से परिणाम खराब हो सकते हैं। छात्रों को सफलता के लिए अपनी पढ़ाई पर बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है। प्रेम संबंधों में प्यार के साथ-साथ अन्य चीजें भी होंगी, इसलिए इसके लिए तैयार रहें। लड़ाई-झगड़ों के साथ-साथ जातकों को पारिवारिक परेशानियाँ, बाहरी हस्तक्षेप आदि जैसी विभिन्न चीज़ों का सामना करना पड़ सकता है। विवाहित लोगों के लिए यह महीना अनुकूल रहेगा और आप अपने साथी के साथ सामंजस्य स्थापित करने में सफल रहेंगे। रिश्ते में परिपक्वता आएगी और आपके घर में खुशियाँ आएंगी। पारिवारिक जीवन में उतार-चढ़ाव रहेंगे, लेकिन आपसी प्रेम रिश्ते को जोड़े रखेगा। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह महीना कमजोर रहेगा। आपको पेट से जुड़ी परेशानियाँ हो सकती हैं, इसलिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। 



                                                                             करियर

करियर के दृष्टिकोण से यह महीना मेहनत से भरा रहेगा। दशम भाव के स्वामी शनि पूरे महीने दशम भाव में वक्री अवस्था में रहने वाले हैं, जिससे कार्य क्षेत्र में काम का दबाव काफी रहेगा। आप निरंतर मेहनत करेंगे और यह व्यर्थ नहीं जाएगा, तथा आपको इसका उचित परिणाम भी मिलेगा। निराश न हों, मेहनत जारी रखें और आने वाले समय में इसका भरपूर लाभ उठाएं। महीने के पूर्वार्ध में छठे भाव के स्वामी शुक्र छठे भाव में उपस्थित रहेंगे, जिससे कार्यक्षेत्र में स्थिति अनुकूल रहेगी। इससे विरोधियों की पराजय भी होगी और जातक की स्थिति भी मजबूत होगी। इसके बाद 13 अक्टूबर से शुक्र सप्तम भाव में आ जाएंगे और कार्य क्षेत्र में शीर्ष पद पर आसीन होने के योग बनेंगे। पूरे महीने राहु महाराज एकादश भाव में विराजमान रहेंगे। वरिष्ठों का ध्यान आप पर रहेगा और आपको अपने कुछ खास विरोधियों से सावधान रहना चाहिए, जो आपके जीवन को परेशान करते हैं। आपके विरोधी आपकी चापलूसी से आपके वरिष्ठों के कान भरने में सफल रहेंगे, इसलिए कार्यस्थल पर अपनी आंखें और कान खुले रखने की आवश्यकता है। महीने के पहले भाग में नौकरी में स्थान परिवर्तन के योग हैं। नई नौकरी के लिए शुभ समाचार मिलने की प्रबल संभावना है। व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए महीना काफी अनुकूल रहेगा। सप्तम भाव के स्वामी मंगल महीने के पहले भाग में द्वितीय भाव में विराजमान होकर अच्छे आर्थिक लाभ प्रदान करेंगे। एकादश भाव में स्थित राहु और प्रथम भाव में बैठे बृहस्पति की सप्तम भाव पर पूर्ण दृष्टि रहेगी। इससे आर्थिक परेशानियों में कमी आएगी और आपके व्यवसाय को उचित मार्ग मिलेगा। प्रतिष्ठित लोगों से संपर्क बनेगा और व्यवसाय में उन्नति के द्वार खुलेंगे। 20 अक्टूबर से मंगल कर्क राशि में तीसरे भाव में चला जाएगा और इससे व्यवसाय के लिए नए अवसर बनेंगे। जातक जोखिम उठाने की कोशिश करेंगे और दुस्साहस से ऐसा करना उनके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। शनि और बृहस्पति की वक्री दृष्टि पूरे महीने सप्तम भाव पर रहेगी और इससे व्यवसाय में उन्नति होगी। इससे अनेक परेशानियों के बावजूद कठिन चुनौतियों का सामना करने में सफलता मिलेगी और सही दिशा में प्रगति होगी।

                                                                                वित्त

अगर जातकों की आर्थिक स्थिति की बात करें तो महीने का पहला भाग उनके आर्थिक जीवन में बहुत उन्नति लाएगा। महीने की शुरुआत में सूर्य, बुध और केतु पंचम भाव में विराजमान रहेंगे और पूरे महीने एकादश भाव पर दृष्टि रखेंगे। इससे दिन-प्रतिदिन आय में वृद्धि होगी। जातकों को जीवन में आर्थिक समृद्धि मिलेगी। द्वादश भाव और सप्तम भाव के स्वामी मंगल दूसरे भाव में विराजमान रहेंगे और इससे व्यापार और बाहरी साधनों से धन लाभ होगा। यह समग्र बैंक बैलेंस बढ़ाने का भी एक विश्वसनीय तरीका है। देवगुरु बृहस्पति प्रथम भाव में विराजमान रहेंगे और इससे जातकों को विभिन्न स्रोतों से धन बढ़ाने के लिए सही निर्णय लेने की क्षमता मिलेगी। वक्री शनि पूरे महीने दसवें भाव में विराजमान रहेंगे और इससे बारहवें भाव पर दृष्टि पड़ने से कुल खर्चों में कमी आएगी। इस प्रकार, महीने का पहला भाग आर्थिक परिणामों के लिए बहुत अच्छा रहेगा और जातक इस अवधि में शेयर निवेश के माध्यम से धन कमा सकते हैं। 10 अक्टूबर से बुध छठे भाव में चले जाएंगे और 17 अक्टूबर से सूर्य भी छठे भाव में चले जाएंगे और बारहवें भाव पर दृष्टि डालेंगे। 20 अक्टूबर को मंगल भी दूसरे से तीसरे भाव में चले जाएंगे। इस कारण महीने का उत्तरार्ध बहुत खर्च लेकर आएगा और जातकों की आय में कमी आएगी। इसलिए महीने की शुरुआत से ही जातकों को धन के प्रबंधन की योजना सही तरीके से बनाने की जरूरत है। आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी रहेगी और आर्थिक रूप से स्थिर जीवन जी पाएंगे।

                                                                   स्वास्थ्य

स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह महीना कमजोर रहेगा। अलग-अलग ग्रहों के एक साथ आने से पंचम और एकादश भाव प्रभावित होंगे और इस प्रकार जातकों को पेट से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। पेट दर्द, एसिडिटी, ऐंठन, जलन और लीवर में सूजन जैसी कई तरह की परेशानियां भी आपको हो सकती हैं। इसलिए जातकों के लिए हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन करना बहुत जरूरी है। ऐसी स्थिति में आपको खूब सारा साफ पानी पीना चाहिए और अपने शरीर का ख्याल रखना चाहिए। आप किसी तरह के संक्रमण से परेशान हो सकते हैं और इसलिए इस महीने अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहें। 10 अक्टूबर से बुध तुला राशि में छठे भाव में चले जाएंगे और 17 अक्टूबर से सूर्य भी छठे भाव में पहुंच जाएंगे। 09 अक्टूबर से बृहस्पति आपकी राशि में वक्री अवस्था में प्रवेश करेंगे। ऐसी स्थितियां जातकों के लिए अनुकूल नहीं होंगी और इसलिए उन्हें पूरे महीने अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है।

                                                           प्रेम/विवाह/निजी संबंध

प्रेम संबंधों की बात करें तो जातकों को मिले-जुले परिणाम मिलेंगे। महीने की शुरुआत में सूर्य, बुध और केतु पंचम भाव में विराजमान होंगे और उन पर मंगल की दृष्टि होगी तथा देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि होगी, जिससे प्रेम संबंधों में प्यार बढ़ेगा और रिश्ते में नाटकीय परिस्थितियाँ विकसित हो सकती हैं। आपका प्रियतम कभी-कभी आपको परेशान कर सकता है और आप इसके कारण मानसिक रूप से परेशान महसूस कर सकते हैं। कई बार जातकों को ऐसा भी लग सकता है कि कोई बाहरी व्यक्ति रिश्ते में परेशानियाँ पैदा करने की कोशिश कर रहा है और कई बार आपके मन में रिश्ते को लेकर सैकड़ों सवाल उठेंगे। इसके परिणामस्वरूप जातकों को अलग-अलग तरह की परेशानियाँ घेर लेंगी और इस तरह प्रेम भावनाएँ कम हो जाएँगी। प्रेम संबंधों में किसी भी तरह की घबराहट की स्थिति से बचें और जातकों को अपने जीवन में धैर्य बनाए रखने की आवश्यकता है।

महीने का दूसरा चरण सूर्य और बुध जैसे ग्रहों के लिए अनुकूल रहेगा और इस प्रकार वे पंचम भाव से निकलकर छठे भाव में प्रवेश करेंगे। उन पर देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि पंचम भाव पर होगी। यदि आप अपने प्रियतम से सच्चा प्यार करते हैं, तो जातकों के व्यवहार को नियंत्रित करें और उनकी कही गई बातों को अनदेखा करने का प्रयास करें। रिश्ते में आ रही परेशानियों से निपटने का सबसे अच्छा तरीका यही होगा कि समाधान के लिए कुछ समय निकाल दें। महीने के उत्तरार्ध में जातकों को यह एहसास हो सकेगा कि कहीं न कहीं उनकी परीक्षा ली जा रही थी और इससे रिश्ता और मजबूत होगा। यदि आप चाहें तो अपने साथी के साथ प्रेम विवाह के योग बन रहे हैं और प्रेम विवाह के लिए मिले प्रस्तावों को स्वीकार किए जाने की पूरी संभावना है। दांपत्य जीवन में जातकों के लिए यह महीना काफी फलदायी रहने वाला है और देवगुरु बृहस्पति इस पूरे समय में सप्तम भाव पर अपनी सातवीं दृष्टि डालेंगे, जो दांपत्य संबंधों की रक्षा करेगा। हालांकि वक्री शनि की दृष्टि सप्तम भाव पर होगी और इस प्रकार सफल दांपत्य जीवन के लिए सही प्रयास करने की आवश्यकता होगी। जातकों को कमियों को समझने, उन्हें स्वीकार करने और जीवनसाथी के साथ उन्हें दूर करने का प्रयास करने की आवश्यकता है। महीने के उत्तरार्ध में मंगल कर्क राशि में तीसरे भाव में प्रवेश करेगा और इसके परिणामस्वरूप आपके विवाह से संबंधित जीवनसाथी के साथ अहंकार का टकराव बढ़ेगा।

                                                               परिवार और मित्र

पारिवारिक जीवन के लिए यह महीना उथल-पुथल भरा रहेगा। महीने की शुरुआत में मंगल दूसरे भाव में विराजमान होंगे, जिससे वाणी में कड़वाहट रहेगी। इसके कारण परिवार के सदस्यों में आपस में प्रेम की कमी हो सकती है। पारिवारिक जीवन में तनाव बढ़ सकता है। इसके बाद 20 अक्टूबर से मंगल तीसरे भाव में चले जाएंगे और इसके बाद ऐसी परिस्थितियों में कमी आएगी और घर का माहौल भी काफी हद तक सुधरेगा। जातकों को चल रहे पारिवारिक विवादों का समाधान भी मिलेगा। चौथे भाव के स्वामी सूर्य महीने के पहले भाग में बुध और केतु के साथ पांचवें भाव में मौजूद रहेंगे और बृहस्पति के प्रभाव में रहेंगे। वहीं 17 अक्टूबर से वे छठे भाव में चले जाएंगे और पूरे महीने वक्री शनि की दृष्टि चौथे भाव पर रहेगी। ऐसे कारणों से पारिवारिक जीवन में उतार-चढ़ाव भरा रहेगा। लेकिन कभी घर की स्थिति अच्छी रहेगी तो कभी सदस्यों के बीच मनमुटाव हो सकता है। इस राशि के जातकों को घर की परिस्थितियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है अन्यथा चीजें हाथ से निकल सकती हैं। महीने के पहले भाग में भाई-बहनों से प्यार मिलेगा और महीने के दूसरे भाग में उन्हें अकेले ही चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी परिस्थितियों में जातकों को उनके साथ खड़े होकर उचित समाधान निकालने की आवश्यकता है।

                                                                   सलाह

महीने के पहले पखवाड़े में उत्तम गुणवत्ता वाला ओपल रत्न चाँदी की अंगूठी में जड़वाकर शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को अनामिका अंगुली में धारण करें।

प्रतिदिन श्री महालक्ष्मी मंत्र का एक निश्चित संख्या में जाप करें।

बुधवार को गाय माता को दोनों हाथों से साबुत मूंग खिलाएँ।

गुरुवार को लाल गाय को चने की दाल खिलाएँ।