हिमाचल प्रदेश के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने एक अहम बयान देकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार ने किन्नौर ज़िले में नौतोड़ भूमि उपलब्ध नहीं करवाई, तो भविष्य में यहां भी चीन अरुणाचल प्रदेश की तरह घुसपैठ कर सकता है।
🏔️ क्या है नौतोड़?
"नौतोड़" हिमाचल में वह परंपरागत व्यवस्था है, जिसके तहत स्थानीय लोगों को खेती-बाड़ी और बस्ती बसाने के लिए वन भूमि का सीमित उपयोग करने की अनुमति दी जाती है। यह अधिकार सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थानीय निवासियों की मौजूदगी बनाए रखने के लिए बेहद ज़रूरी है।
📢 मंत्री ने क्यों जताई चिंता?
राजस्व मंत्री नेगी का कहना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में अगर स्थानीय लोग बसना छोड़ देंगे, तो वहां पर जनसंख्या कम हो जाएगी। इसका फायदा चीन जैसे पड़ोसी देश उठा सकते हैं, जैसा कि हमने अरुणाचल प्रदेश में देखा है।
उन्होंने कहा,
"यदि लोगों को नौतोड़ की सुविधा नहीं दी गई और वे गांव खाली करने लगे, तो चीन को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक पाएगा। हमारी सीमाएं केवल सेना नहीं, बल्कि आम लोग भी सुरक्षित रखते हैं।"
🧭 किन्नौर की रणनीतिक स्थिति
किन्नौर जिला चीन (तिब्बत) की सीमा से सटा हुआ है। यहां कई गांव ऐसे हैं जो काफी ऊंचाई पर हैं और जहां लोगों की बसावट सीमावर्ती चौकियों के लिए एक आंख और कान की तरह काम करती है। अगर यहां से लोग पलायन करते हैं तो न सिर्फ संस्कृति का नुकसान होगा बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी असर पड़ेगा।
🛑 क्या मांग है स्थानीय लोगों की?
-
सीमावर्ती गांवों को नौतोड़ के तहत ज़मीन आवंटित की जाए
-
सड़क, बिजली, पानी और संचार की बेहतर व्यवस्था हो
-
सरकारी योजनाएं प्राथमिकता पर लागू हों
🔚 निष्कर्ष:
राजस्व मंत्री का यह बयान केवल एक राजनीतिक टिप्पणी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गंभीर चेतावनी है। सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों की बसावट बनाए रखने के लिए सरकार को समय रहते कदम उठाने होंगे, वरना इसके परिणाम भविष्य में गंभीर हो सकते हैं।