हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक अहम फैसला लिया है जिससे राज्य के शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। अब उन सरकारी उच्च (High) और वरिष्ठ माध्यमिक (Senior Secondary) स्कूलों को, जहां विद्यार्थियों की संख्या बहुत कम है, उन्हें आसपास के स्कूलों में 5 किलोमीटर के दायरे में मर्ज किया जाएगा।
🏫 क्यों लिया गया ये फैसला?
शिक्षा विभाग के अनुसार, कुछ स्कूलों में छात्रों की संख्या बहुत कम रह गई है, जिसकी वजह से संसाधनों और शिक्षकों का सही उपयोग नहीं हो पा रहा। ऐसे में सरकार ने तय किया है कि आसपास के स्कूलों को मिलाकर एक मजबूत शिक्षा केंद्र बनाया जाएगा, जहां बच्चों को बेहतर सुविधाएं और शिक्षा मिल सके।
📌 किन स्कूलों को किया जाएगा मर्ज?
-
ऐसे हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूल जिनमें छात्रों की संख्या बहुत कम है
-
जहां नजदीक के 5 किलोमीटर के दायरे में दूसरा बड़ा स्कूल पहले से मौजूद है
-
ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में भी इस योजना को ज़मीनी हकीकत के आधार पर लागू किया जाएगा
📚 क्या होगा इसका असर छात्रों पर?
-
बेहतर शिक्षकों की उपलब्धता
-
स्मार्ट क्लास, लैब्स और लाइब्रेरी जैसी सुविधाओं का सही इस्तेमाल
-
सामूहिक पढ़ाई का माहौल और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी
-
कुछ छात्रों को थोड़ा ज्यादा दूरी तय करनी पड़ सकती है, लेकिन सरकार परिवहन सुविधा देने पर भी विचार कर रही है
🎯 सरकार का मकसद क्या है?
राज्य सरकार की मंशा है कि हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और कोई भी संसाधन बर्बाद न हो। साथ ही, इससे राज्य में शिक्षा का स्तर और बेहतर होगा, और छात्रों को एक नई ऊर्जा मिलेगी।