हिमाचल प्रदेश सरकार ने डिपो प्रणाली में पारदर्शिता लाने और लाभार्थियों की सही पहचान सुनिश्चित करने के लिए एक अहम फैसला लिया है। अब राज्य में सस्ता राशन केवल उन्हीं लोगों को मिलेगा जिन्होंने ई-केवाईसी (e-KYC) पूरी कर ली है। जिन उपभोक्ताओं ने अब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है, उन्हें राशन वितरण में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
🆔 ई-केवाईसी क्यों है जरूरी?
सरकार का कहना है कि ई-केवाईसी से:
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राशन प्रणाली में पारदर्शिता आएगी
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फर्जी लाभार्थियों को रोका जा सकेगा
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सटीक डेटा के आधार पर योजनाओं को लागू करना आसान होगा
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वास्तविक जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ मिलेगा
📝 ई-केवाईसी कैसे कराएं?
ई-केवाईसी के लिए राशन कार्ड धारक को:
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अपने नजदीकी फेयर प्राइस शॉप (डिपो) या
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लोकमित्र केंद्र (CSC Center)
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या सरकारी राशन डिपो में आधार कार्ड और राशन कार्ड लेकर जाना होगा
बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के बाद ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
☎️ किसी भी परेशानी के लिए संपर्क करें इन नंबरों पर
यदि ई-केवाईसी के दौरान किसी को कोई तकनीकी या दस्तावेज़ संबंधी दिक्कत हो रही है, तो उपभोक्ता नीचे दिए गए हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं:
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टोल फ्री नंबर: 1967
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मोबाइल हेल्पलाइन: 1800-180-8026
इन नंबरों पर कॉल करके उपभोक्ता अपनी समस्या का समाधान पा सकते हैं।
📅 ई-केवाईसी की अंतिम तिथि क्या है?
हालांकि सरकार ने अभी तक कोई अंतिम तिथि स्पष्ट नहीं की है, लेकिन जल्द ही राशन वितरण सिर्फ उन्हीं लाभार्थियों को किया जाएगा जिन्होंने ई-केवाईसी पूरी कर ली है। इसलिए उपभोक्ताओं से अनुरोध है कि वे समय रहते यह प्रक्रिया पूरा कर लें।
🔚 निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश में ई-केवाईसी को अनिवार्य बनाकर सरकार ने सस्ता राशन योजना को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। समय रहते ई-केवाईसी कराना जरूरी है ताकि किसी भी असुविधा से बचा जा सके।